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एक आकाशीय गोला, जो संस्कृत मंत्र सुनते ही जाग जाता है
स्लीप शेड्यूल बनाएं: हर दिन एक ही समय पर बिस्तर पर जाएं और सुबह एक ही समय पर जागें, वीकेंड पर भी ऐसा ही करें। इस प्रकार आपको अच्छी और गहरी नींद प्राप्त करने में मदद मिलती है और आपको बुरे सपने नहीं आते।
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रात को ध्यान या मेडिटेशन करके सोने से बुरे सपने नहीं आते हैं
इतना ही नहीं, इन बुरे सपनों के कारण जब उनकी आंख खुलती है, तो उनका पूरा शरीर पसीने से भीगा हुआ होता है.
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डॉक्टर से सलाह लें: अगर दवाओं के कारण आपको बुरे सपने आ रहे हैं, तो सबसे पहले अपने डॉक्टर से बात करें। वे आपकी दवा बदल सकते हैं या खुराक को कम कर सकते हैं।
नींद की कमी बुरे सपनों का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकती है। जब हमें पूरी नींद नहीं मिलती, तो दिमाग का आराम ठीक से नहीं हो पाता और वह लगातार सक्रिय रहता है। इस कारण से हम सोते समय check here कई तरह के विचारों का सामना करते हैं, जो बाद में बुरे सपनों के रूप में हमारे सामने आते हैं। अगर हमारी नींद पूरी नहीं होती, तो दिमाग के अवचेतन हिस्से में उठती उथल-पुथल बुरे सपनों का कारण बन सकती है। इससे हमें रात में बार-बार डरावने सपने आते हैं, जिससे हमारा मन बेचैन और परेशान हो जाता है।
कई दवाएं ऐसी होती हैं जिसका असर रात को दिखता है और वो ब्रेन पर असर करती हैं.
इसलिए कभी-कभी कुछ सपने हमारे दिमाग को हमारे विचारों और दिन की घटनाओं को हल करने में हमारी मदद करते हैं। बाकि अन्य सपने सामान्य मस्तिष्क गतिविधि का परिणाम हो सकते हैं और कुछ का कोई मतलब ही नहीं होता है। लेकिन शोधकर्ता अभी भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि पूरी रात सपने क्यों आते हैं या रात को नींद में सपने क्यों आते हैं?
कभी-कभी, कुछ दवाइयों का असर हमारी नींद और दिमाग पर पड़ सकता है। खासकर एंटी-डिप्रेसेंट्स, पार्किंसन रोग की दवाइयां, या दिल की धड़कन पर असर डालने वाली दवाइयां। इन दवाओं के कारण नींद का पैटर्न बिगड़ सकता है, जिससे डरावने सपने आने लगते हैं। जब दवा का असर होता है, तो यह दिमाग को उत्तेजित कर देता है, जिससे हम रात में असामान्य सपने देख सकते हैं।